CIBIL और बैंकिंग प्रक्रियाओं में नया बदलाव: डिफॉल्टर ग्राहकों के लिए महत्वपूर्ण सूचना

आरबीआई के नए नियम

बैंक और वित्तीय संस्थान अब अपने डिफॉल्टर ग्राहकों की जानकारी CIBIL को भेजने से पहले ग्राहकों को सूचित करेंगे। यह नया कदम ग्राहकों को उनके CIBIL स्कोर को खराब होने से बचाने का अवसर देता है। जब भी कोई कंपनी CIBIL स्कोर की जांच करती है, तो उसे ईमेल या SMS के माध्यम से ग्राहक को इसकी सूचना देनी होगी।

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आरबीआई के नए नियम: CIBIL स्कोर से संबंधित जानकारी

आरबीआई के अनुसार, अब बैंक और वित्तीय संस्थान CIBIL को डिफॉल्ट ग्राहकों की सूची भेजने से पहले ग्राहकों को सूचित करेंगे। इसका उद्देश्य ग्राहकों को उनके क्रेडिट रिपोर्ट के खराब होने से पहले चेतावनी देना है। इसके अलावा, ग्राहकों को हर साल एक बार अपनी पूरी क्रेडिट रिपोर्ट मुफ्त में प्राप्त करने का अधिकार दिया गया है। यह नियम 26 अप्रैल 2024 से लागू होगा। अगर कोई ग्राहक CIBIL स्कोर से संबंधित शिकायत करता है, तो संबंधित कंपनी को 30 दिनों के भीतर उसका समाधान करना होगा। ऐसा न करने पर, कंपनी को प्रतिदिन 100 रुपये का जुर्माना देना होगा।

क्रेडिट स्कोर से जुड़ी महत्वपूर्ण बातें

आरबीआई ने यह भी निर्देश दिया है कि बैंक और एनबीएफसी को ग्राहकों की क्रेडिट रिपोर्ट जांचने पर, उन्हें क्रेडिट रेटिंग सुधार के लिए आवश्यक जानकारी SMS या ईमेल के माध्यम से देनी चाहिए। यह नियम प्रमुख क्रेडिट ब्यूरो जैसे क्रिसिल, CIBIL, और अमेरिकन एक्सप्रेस पर भी लागू होता है। ग्राहक को उसकी क्रेडिट रिपोर्ट में सुधार के बारे में भी सूचित किया जाएगा। यह कदम ग्राहक की क्रेडिट रिपोर्ट प्रक्रिया को अधिक पारदर्शी और स्पष्ट बनाने के लिए उठाया गया है, जिससे ग्राहक अपनी वित्तीय स्थिति को बेहतर समझ सकें।

ग्राहक की शिकायतों का समाधान

अगर कोई ग्राहक CIBIL स्कोर के संबंध में शिकायत करता है, तो क्रेडिट संस्थानों को उस शिकायत का समाधान करना होगा। यदि किसी कारणवश उनका CIBIL स्कोर सुधारा नहीं जा सकता है, तो ग्राहक को यह स्पष्ट जानकारी दी जाएगी। इससे ग्राहक को यह समझने में मदद मिलेगी कि वे अपना CIBIL स्कोर कैसे सुधार सकते हैं।

आरबीआई ने यह भी निर्देश दिया है कि लोन देने वाली कंपनियों को अपनी वेबसाइट पर मुफ्त क्रेडिट रिपोर्ट हर साल उपलब्ध करानी चाहिए। इससे ग्राहक अपनी रिपोर्ट को आसानी से देख सकते हैं और अपनी वित्तीय स्थिति के अनुसार निर्णय ले सकते हैं।

क्रेडिट संस्थानों के लिए दायित्व

यदि क्रेडिट रेफरेंस एजेंसी 30 दिनों के भीतर ग्राहक की शिकायत का समाधान नहीं करती है, तो उसे प्रति दिन 100 रुपये का जुर्माना देना होगा। ऋणदाताओं को 21 दिनों के भीतर और क्रेडिट ब्यूरो को 9 दिनों के भीतर सूचित करना होता है। यदि वे ऐसा नहीं करते हैं, तो उन्हें जुर्माना भुगतना पड़ेगा।

यह प्रणाली सुनिश्चित करती है कि ग्राहक की शिकायतों का त्वरित समाधान किया जाए, जिससे उनके वित्तीय स्वास्थ्य पर सकारात्मक प्रभाव पड़े।

सारांश में, यह सभी बदलाव CIBIL और बैंकिंग प्रक्रिया को अधिक पारदर्शी और ग्राहक-अनुकूल बनाते हैं, ताकि ग्राहकों को उनके क्रेडिट स्कोर को बेहतर बनाने के लिए सही समय पर सही जानकारी मिल सके।

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