CGHS :केंद्रीय स्वास्थ्य और परिवार कल्याण मंत्रालय ने CGHS (सेंट्रल गवर्नमेंट हेल्थ स्कीम) के लाभार्थियों के लिए नए नियम लागू किए है. इनका उद्देश्य यह है कि CGHS कार्डधारकों को सही, सस्ती और पारदर्शी सेवाएं मिले.
इलाज से इनकार नहीं
अब CGHS के तहत सूचीबद्ध निजी अस्पताल किसी भी योग्य कार्डधारक को इलाज देने से इनकार नहीं कर सकते. सभी अस्पतालों को बिना किसी भेदभाव के इलाज देना अनिवार्य होगा.
कीमत और सेवाओं में पारदर्शिता
अस्पतालों को प्रमुख जगहों पर निचे दी हुई चीजों की जानकारी दिखानी होगी.
- CGHS द्वारा तय की गई दरें
- वार्ड और ICU में बेड की उपलब्धता
- लाभार्थियों के लिए निर्धारित वार्ड
- कैटेगरी
- निचली कैटेगरी का बेड देना सख्त मना होगा
रिपोर्टिंग का नियम
गैर-रेफरल मामलों, इमरजेंसी में भर्ती, और 70 साल से अधिक उम्र के मरीजों की जानकारी अस्पतालों को 24 घंटे के भीतर ईमेल के माध्यम से CGHS के एडिशनल डायरेक्टर को देना आवश्यक होगा. बिना रिपोर्ट किए मामलों को मान्यता नहीं मिलेगी.
गंभीर मामलों में जिम्मेदारी
मरीज की मृत्यु या कोमा की स्थिति में अस्पताल को अंतिम बिल पर मरीज के परिवार के हस्ताक्षर और उनका कॉन्टेक्ट नंबर लेना अत्यंत आवश्यक होगा.
दवाओं के लिए नए नियम
अस्पताल अब प्रिस्क्रिप्शन में सिर्फ जेनेरिक दवाओं के नाम लिखेंगे और दवाओं के नाम बड़े अक्षरों में लिखने होंगे. किसी खास ब्रांड की दवा खरीदने का दबाव नहीं बनाया जा सकता.
महंगे इलाज के लिए अनुमति
महंगे इलाज के लिए पहले से अनुमति लेनी होगी ताकि ज्यादा चार्ज करने से बचा जा सके.
नियम तोड़ने पर दंड
अगर कोई अस्पताल इन नियमों का पालन नहीं करता, तो उस पर दंड लगाया जाएगा. इसमें CGHS नेटवर्क से बाहर करना भी शामिल है.