HDFC: बैंक ग्राहकों को बेहतर सेवाएं देने और ऑनलाइन पेमेंट ट्रांसफर को तेज़ बनाने के लिए पिछले कुछ सालों में कई कदम उठाए गए है. हाल ही में नेशनल पेमेंट्स कॉरपोरेशन ऑफ इंडिया (NPCI) पांच से छह बड़े बैंकों के साथ नेट बैंकिंग और मोबाइल बैंकिंग को जोड़ने पर काम कर रहा है. इस नए सिस्टम को इंटरऑपरेबिलिटी (Interoperability) कहा जाएगा, इसका पहला चरण अगले साल शुरू हो सकता है, लेकिन अभी तारीख तय नहीं की गई है.
ICICI और एचडीएफसी बैंक इंटीग्रेशन के अंतिम चरण में
इकोनॉमिक टाइम्स के न्यूज़ के अनुसार, NPCI की पहल के पहले चरण में कुछ बड़े बैंकों के साथ काम किया जाएगा, और बाकी बैंकों को दूसरे और तीसरे चरण में जोड़ा जाएगा. इस मामले से जुड़े एक व्यक्ति ने बताया कि ICICI बैंक और HDFC बैंक इंटीग्रेशन के आखिरी चरण में हैं, जबकि तीन या चार अन्य बैंकों पर भी काम चल रहा है. हालांकि, यह फीचर कब लाइव होगा, इसकी तारीख अभी तय नहीं हुई है, लेकिन जल्द ही इस बारे में जानकारी मिल सकती है.
UPI बेस्ड पेमेंट सिस्टम पर दबाव कम होगा
जब नेटबैंकिंग इंटरऑपरेबल हो जाएगी, तब ग्राहक ई-कॉमर्स साइट्स पर सामान खरीदते वक्त किसी भी बैंक की नेट बैंकिंग से पेमेंट कर सकेंगे. अभी बैंकों को पेमेंट एग्रीगेटर्स के साथ साझेदारी करनी पड़ती है, जो व्यापारी से पेमेंट लेने के लिए काम करते है. लेकिन इंटरऑपरेबिलिटी शुरू होने के बाद, यह समस्या हल हो जाएगी. इस मामले से जुड़े एक व्यक्ति ने बताया कि इससे UPI बेस्ड पेमेंट पर दबाव कम होगा. पिछले कुछ सालों में UPI का इस्तेमाल बढ़ा है, जिससे डेबिट कार्ड और नेट बैंकिंग पेमेंट्स पर दबाव घटा है.
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HDFC और ICICI बैंक ने जानकारी नहीं दी
हालांकि इस बारे में NPCI, HDFC और ICICI बैंक ने कोई जानकारी नहीं दी है, यह पहल NPCI द्वारा शुरू की जा रही है. इंटरऑपरेबिलिटी से पेमेंट एग्रीगेटर्स और बैंक एक सामान्य प्लेटफॉर्म से जुड़ सकते हैं, जिससे व्यापारी भी उस प्लेटफॉर्म से जुड़ सकेंगे. अभी नेटबैंकिंग से पेमेंट पूरा करने के लिए व्यापारी और एग्रीगेटर्स बड़े बैंकों के सिस्टम से जुड़ने के लिए भुगतान गेटवे जैसे बिलडेस्क का उपयोग करते है.
केंद्रीय बैंक के आंकड़ों के अनुसार, अक्टूबर में ग्राहकों ने करीब 420 मिलियन पेमेंट किए थे, जिनकी टोटल राशि 100 लाख करोड़ रुपये से ज्यादा थी. इन लेन-देन का एवरेज 2.5 लाख रुपये से ज्यादा था. नेटबैंकिंग इंटरऑपरेबिलिटी को भारतीय रिजर्व बैंक (RBI) ने 2025 के लिए अपने विज़न डॉक्युमेंट में प्रस्तावित किया था. मार्च 2024 में RBI गवर्नर शक्तिकांत दास ने NPCI को नेटबैंकिंग इंटरऑपरेबिलिटी पर काम शुरू करने की मंजूरी दी थी.