EPFO 3.0: सरकार एटीएम से पैसा निकालने की एक लिमिट तय करने वाली है, ताकि आपकी रिटायरमेंट के बाद वित्तीय सुरक्षा बनी रहे और आपातकालीन स्थिति में भी पैसों की आसानी से उपलब्धता हो. यह कदम सरकार की EPFO 3.0 योजना का हिस्सा बताया जा रहा है.
कर्मचारी भविष्य निधि संगठन (EPFO) में बड़े बदलाव की तैयारी हो रही है. यह सिस्टम, जो प्राइवेट सेक्टर के कर्मचारियों को रिटायरमेंट के लिए वित्तीय सुरक्षा देता है, अब नए बदलाव के साथ आ सकता है. इस बदलाव से कर्मचारियों की कई समस्याएं हल हो सकती है. खबर है कि सरकार EPFO में एक ऐसा सिस्टम ला रही है, जिससे सब्सक्राइबर्स जरूरत पड़ने पर एटीएम से डेबिट कार्ड के जरिए अपना पीएफ का पैसा निकाल सकेंगे.
सरकार एटीएम से पैसा निकालने की एक सीमा तय करेगी. इसका मकसद यह है कि रिटायरमेंट के लिए आपकी वित्तीय सुरक्षा बनी रहे और जरूरत पड़ने पर पैसे आसानी से मिल सके. यह कदम सरकार की EPFO 3.0 योजना का हिस्सा है, जिसका उद्देश्य सेवाओं को बेहतर बनाना और ग्राहकों को अपनी बचत पर ज्यादा नियंत्रण देना है.
ज्यादा कंट्रीब्यूशन पर भी हो रही चर्चा
सरकार एटीएम से पैसा निकालने की सुविधा के साथ-साथ, कर्मचारी योगदान की 12% सीमा को हटाने पर भी विचार कर रही है. इससे कर्मचारी अपनी जरूरत और वित्तीय लक्ष्यों के अनुसार ज्यादा बचत कर सकेंगे. रिपोर्ट्स के मुताबिक, सब्सक्राइबर्स को जल्द ही अपने पीएफ अकाउंट में किसी भी समय मौजूदा सीमा से ज्यादा पैसे जमा करने की सुविधा मिल सकती है. हालांकि नियोक्ता का योगदान सैलरी के आधार पर ही रहेगा, लेकिन कर्मचारियों को अपनी बचत बढ़ाने की पूरी आजादी होगी, जिससे उनकी सेविंग बिना किसी रोक-टोक के बढ़ सकेगी.
EPS को लेकर भी हो रहा सुधार
सरकार कर्मचारी पेंशन योजना 1995 (EPS-95) में भी बदलाव की योजना बना रही है. लेकिन फिलहाल नियोक्ता के योगदान का 8.33% हिस्सा EPS-95 में जाता है. नए प्रस्तावों के तहत कर्मचारियों को भी सीधे इस योजना में योगदान करने की अनुमति दी जा सकती है, जिससे उनकी पेंशन लाभ बढ़ाने में मदद मिलेगी.
बड़ा बदलाव कब होगा?
EPFO सिस्टम में सीमित सुविधाओं की समस्याओं को हल करने के लिए इन सुधारों की योजना बनाई गई है. इसका उद्देश्य लॉन्ग-टर्म वित्तीय सुरक्षा और तत्काल पैसों की जरूरतों के बीच संतुलन बनाना है. EPFO 3.0 सुधारों की आधिकारिक घोषणा 2025 की शुरुआत में हो सकती है. यह बदलाव भारत के कर्मचारियों के लिए सेविंग को मैनेज और उपयोग करने के तरीके को पूरी तरह बदल सकता है.
अभी EPFO प्राइवेट सेक्टर के कर्मचारियों के लिए रिटायरमेंट फंड जमा करता है. पीएफ अकाउंट में कर्मचारी और नियोक्ता, दोनों अपनी सैलरी का 12% योगदान करते है. इस फंड पर सरकार की ओर से हर साल ब्याज दिया जाता है, जो इसे एक सुरक्षित बचत विकल्प बनाता है.