JEE Mains 2025: कितने मार्क्स लगेंगे जेईई मेन में पास होने के लिए, जानिए पूरी जानकारी और टिप्स

by Akhi
JEE Mains 2025

JEE Mains 2025: आईआईटी, एनआईटी और आईआईआईटी जैसे टॉप इंजीनियरिंग कॉलेज में एडमिशन के लिए जेईई मेन परीक्षा पास करना आवश्यक है. यह परीक्षा एनटीए (नेशनल टेस्टिंग एजेंसी) द्वारा आयोजित की जाती है. हर साल जेईई एडवांस के लिए कम से कम कटऑफ स्कोर तय किया जाता है. टॉप कॉलेजों में एडमिशन के दौरान भी जेईई मेन कटऑफ का ध्यान रखा जाता है.

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इस साल यानी 2025 में जेईई मेन परीक्षा दो सेशन में होगी. जिसमें पहला सेशन 22 से 31 जनवरी 2025 और दूसरा सेशन1 से 8 अप्रैल 2025 के बीच होनेवाला है.

इसके अलावा कटऑफ लिस्ट अलग-अलग कैटेगरी (जैसे जनरल, ओबीसी, एससी, एसटी) के लिए बनाई जाती है. जेईई एडवांस देने के लिए कटऑफ लिस्ट में जगह बनाना आवश्यक है. कुछ इंजीनियरिंग कॉलेज जेईई मेन कटऑफ क्वालिफाई करने पर भी सीधे एडमिशन देते है.

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जेईई मेन परसेंटाइल सिस्टम क्या है?

जेईई मेन 2025 के बाद एनटीए कटऑफ मार्क्स को एनटीए स्कोर के रूप में जारी करेगा. यह स्कोर परसेंटाइल फॉर्मेट में होता है, जिससे यह समझ आता है कि उमेदवार ने बाकी सभी उमेदवारो की तुलना में कैसा प्रदर्शन किया है. आपको समझने के लिए बताते है कि अगर किसी उमेदवार का एनटीए स्कोर 90 है, तो इसका मतलब है कि उसने सभी उम्मीदवारों में से 90% से बेहतर प्रदर्शन किया है. परसेंटाइल सिस्टम की मदद से कटऑफ लिस्ट बनाना आसान हो जाता है.

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जेईई मेन 2025 में पास होने के लिए कितने मार्क्स चाहिए?

जेईई मेन 2025 में पास होने के लिए हर कैटेगरी के लिए अलग-अलग न्यूनतम अंक तय किए जाएंगे. 2024 में जनरल कैटेगरी का कटऑफ 93 मार्क्स था. 2025 में संभावित कटऑफ जनरल के लिए 90 मार्क्स, GEN-EWS के लिए 80 मार्क्स , SC के लिए 57 मार्क्स, ST के लिए 46 मार्क्स चाहिए. साथ ही अगर एग्जाम पैटर्न या सिलेबस में बदलाव हुआ, तो कटऑफ में भी बदलाव हो सकता है. जेईई एडवांस्ड के लिए, हमेशा हाई स्कोर का लक्ष्य बनाकर तैयारी करे.

जेईई मेन रिजल्ट कैसे बनता है?

जेईई मेन रिजल्ट तैयार करने के लिए निचे दी हुई बातों का ध्यान रखा जाता है.

जेईई मेन रिजल्ट तैयार करने के लिए नॉर्मलाइज्ड स्कोर (Normalized Score) देखा जाता है, इसे एनटीए स्कोर भी कहते है. एनटीए रॉ स्कोर नहीं देती, बल्कि परसेंटाइल के रूप में नॉर्मलाइज्ड स्कोर जारी करती है.

अगर कोई छात्र जेईई मेन कई बार देता है, तो उसके सबसे अच्छे (हाईएस्ट) एनटीए स्कोर से फाइनल रैंकिंग बनाई जाती है, हर बार के स्कोर को एनटीए चेक करती है. यानी जेईई बेस्ट स्कोर का ध्यान रखती है.

एनटीए एक फॉर्म्यूला के जरिए मैथ, फिजिक्स और केमिस्ट्री के रॉ स्कोर को परसेंटाइल (एनटीए स्कोर) में बदलती है. यह तरीका रिजल्ट में गड़बड़ी से बचाता है.

रिजल्ट सिर्फ छात्र की परफॉर्मेंस पर नहीं, बल्कि अन्य उम्मीदवारों के प्रदर्शन पर भी निर्भर करता है. यह एक कॉम्पिटिशन बेस्ड रिजल्ट होता है.

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