TRAI Rules : जियो, एयरटेल, Vi और बीएसएनएल यूजर्स के लिए अच्छी खबर है. जी हां हाल ही में ट्राई ने टेलीकॉम नियमों में काफी बदल किए है. ट्राई द्वारा दूरसंचार कंपनियों को ओटीपी के आधार पर जानकारी ट्रैक करने के लिए ट्रेसेबिलिटी लागू करने का आदेश दिया गया है. यस सभी कंपनीया इस पॉलिसी को 1 दिसंबर से लागू कर सकते है.
जैसे-जैसे इंटरनेट और मोबाइल फोन का उपयोग बढ़ता है, वैसे-वैसे कई तरह के खतरे भी बढ़ते है. स्मार्टफोन ने न सिर्फ हमारे कई मुश्किल काम आसान कर दिए हैं, बल्कि धोखेबाजों और साइबर अपराधियों से लोगों को बचाने का नया तरीका भी दे दिया है. भारतीय दूरसंचार नियामक प्राधिकरण (TRAI) ने हाल ही में यूजर्स को ऑनलाइन धोखाधड़ी और घोटालों से बचाने के लिए कई कदम उठाए है.
हाल ही में ट्राई ने टेलीकॉम कंपनियों से ऑनलाइन धोखाधड़ी रोकने के लिए ट्रैसेबिलिटी लागू करने को कहा है, यह एक महत्वपूर्ण निर्णय है. आपको बता दें कि ट्राई ने लेनदेन की जानकारी और ओटीपी से जुड़े सर्च नियमों को लागू करने के लिए अगस्त में नियम जारी किए है. ट्राई ने यह नियम लागू करने की तिथि में कई बार बदलाव किया है.
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TRAI ने बढ़ाई समय सीमा
मोबाइल कंपनियों के पास ट्राई ओटीपी जानकारी की ट्रैसेबिलिटी लागू करने के लिए 31 अक्टूबर तक का समय है. जियो, एयरटेल, वीआई और बीएसएनएल के अनुरोध के बाद, कंपनी ने इसकी समय सीमा 31 नवंबर तक बढ़ा दी है. अब नवंबर में समय सीमा समाप्त होने के बाद, टेलीकॉम कंपनी व्यावसायिक जानकारी और ओटीपी संदेश को ट्रैक करने के लिए ट्रेसबिलिटी नियम लागू करेगी.
OTP आने में लग सकता है समय
अगर जियो, एयरटेल, Vi और बीएसएनएल 1 दिसंबर से ट्रैसेबिलिटी कानून लागू करते हैं तो ओटीपी मैसेज आने में समय लग सकता है. ऐसे में अगर आप बैंकिंग या बुकिंग जैसा कोई काम कर रहे हैं तो ओटीटी मिलने में थोड़ा समय लग सकता है. दरअसल, ट्राई ने ऐसी व्यवस्था इसलिए लागू की है क्योंकि जालसाज अक्सर फर्जी ओटीपी जानकारी के जरिए लोगों के डिवाइस तक पहुंच बनाते हैं, जिससे लोगों को भारी नुकसान होता है. ट्राई ने सभी मोबाइल कंपनियों के लिए इसे अनिवार्य करने का फैसला किया है.