यूपीआई: यूनिफाइड पेमेंट्स इंटरफेस का उपयोग भारत में बहुत तेजी से बढ़ रहा है. आज के समय लाखों लोग हर दिन यूपीआई से पैसों का लेन-देन करते है. यह छोटे दुकानदारों और ग्राहकों के बीच बहुत प्रसिद्ध हो गया है.
खासकर पिछले एक साल में नेशनल पेमेंट्स कॉरपोरेशन ऑफ इंडिया (एनपीसीआई) ने यूपीआई में कई बदल किए हुए नजर आ रहे है. एनपीसीआई ने न केवल यूपीआई के नियम बदले हैं, बल्कि पेमेंट की लिमिट भी बढ़ाई है. तो आइए जानते हैं कि पिछले एक साल में यूपीआई में क्या-क्या बदलाव हुए है.
यूपीआई पेमेंट लिमिट में बढावा
एनपीसीआई की तरफ से दी गई जानकारी के अनुसार नवंबर 2024 में यूपीआई के जरिए लगभग 15,482 मिलियन ट्रांजेक्शन हुए हैं, जिनकी परी कीमत करीब 21.55 लाख करोड़ रुपये है. अगस्त 2024 मे एनपीसीआई ने यूपीआई पेमेंट की लिमिट 1 लाख रुपये से बढ़ाकर 5 लाख रुपये कर दी थी.
अब आप यूपीआई के जरिए डायरेक्ट और इनडायरेक्ट टैक्स, अस्पतालों में डॉक्टर की फीस और एजुकेशन फीस का पेमेंट कर सकते है. यदी आप किसी कंपनी के आईपीओ या आरबीआई की रिटेल डायरेक्ट स्कीम के लिए आवेदन कर रहे हैं, तो आप 5 लाख रुपये तक का भुगतान कर सकते है. साथ ही इंश्योरेंस और शेयर बाजार से जुड़े अन्य ट्रांजेक्शन के लिए 2 लाख रुपये तक की सीमा रखी है.
यूपीआई वॉलेट लिमिट में बढावा
साल 2024 में यूपीआई में कई बदल किए गए है. जिनमें वॉलेट लिमिट बढ़ाना यह एक बदल शामिल है. आरबीआई ने यूपीआई लाइट और यूपीआई123पे की लिमिट बढ़ाने का बडा फैसला किया है. जिसके तहत यूपीआई लाइट वॉलेट लिमिट 2000 रुपये से बढ़ाकर 5000 रुपये कर दी गई है.
इसे छोटे लेन-देन के लिए इस्तेमाल किया जाता है. आप एक बार में 1000 रुपये तक भुगतान कर सकते हैं, जो पहले 500 रुपये था. यूपीआई123पे इसकी वॉलेट लिमिट 5000 रुपये से बढ़ाकर 10000 रुपये कर दी गई है, ये बदल लेन-देन को और आसान बनाने के लिए किए गए है.
यूपीआई सर्किल नाम से नया फिचर
एनपीसीआई ने साल 2024 में यूपीआई सर्किल, यह एक नया फीचर लाॅन्च किया है. इस फीचर से अगर किसी व्यक्ति का यूपीआई उसके बैंक खाते से लिंक नहीं है, तो भी वह यूपीआई के जरिए पैसे भेज या ले सकता है.
इस फिचर के दो प्रकार है, जिसमें पहला प्राइमरी यूजर जिसका यूपीआई बैंक खाते से जुड़ा होता है. और दुसरा सेकेंडरी यूजर जिसे प्राइमरी यूजर ने यूपीआई सर्किल में जोड़ा हो. जब सेकेंडरी यूजर पैसे भेजने की कोशिश करेगा, तो इसकी जानकारी (नोटिफिकेशन) प्राइमरी यूजर को मिलेगी. प्राइमरी यूजर के नोटिफिकेशन को अप्रूव करने के बाद ही पैसा ट्रांसफर होगा. हर बार पेमेंट के लिए सेकेंडरी यूजर को प्राइमरी यूजर से अनुमति लेनी होगी.